कबीर-माँस भखै औ मद पिये, धन वेश्या सों खाय।
जुआ खेलि चोरी करै, अंत समूला जाय।।
जो व्यक्ति माँस भक्षण करते हैं, शराब पीते हैं, वैश्यावृति करते हैं। जुआ खेलते हैं तथा चोरी करते हैं वह तो महापाप के भागी हैं। जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। जीव हत्या महापाप है इससे नरक मिलता है सद्भक्तििि करें जीवन का मोक्ष करें अधिक जानकारीी के देखिए शाम 7:30 बजे से साधना टीवी पर तत्वदर्शी संत रामपाल जीी के मंगल प्रवचन या पढ़िए ज्ञान गंगा पुस्तक
जुआ खेलि चोरी करै, अंत समूला जाय।।
जो व्यक्ति माँस भक्षण करते हैं, शराब पीते हैं, वैश्यावृति करते हैं। जुआ खेलते हैं तथा चोरी करते हैं वह तो महापाप के भागी हैं। जो व्यक्ति माँस खाते हैं वे नरक के भागी हैं। जीव हत्या महापाप है इससे नरक मिलता है सद्भक्तििि करें जीवन का मोक्ष करें अधिक जानकारीी के देखिए शाम 7:30 बजे से साधना टीवी पर तत्वदर्शी संत रामपाल जीी के मंगल प्रवचन या पढ़िए ज्ञान गंगा पुस्तक
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यह ज्ञान बहुत ही बढिया हैं